17/9/20

*कोरोना_सामुदायिक_फैलाव_की_तरफ़* *गिरिराज कुमार काबरा* my village kunwariya

*कोरोना_सामुदायिक_फैलाव_की_तरफ*.......        
       ✍️ गिरिराज कुमार काबरा

*हमारे जिले से लेकर राज्य तक लगातार कोरोना पीड़ितो की संख्या बढ़ती जा रही है*।
 बचाव और रोकथाम के लिए सरकार व प्रशासन अपने पूरे प्रयास कर रहे है पर हम ये स्वनिर्मित_धारणा बना चुके हैं कि कोरोना_कमजोर हो गया है कोरोना अब समाप्त हो गया है ।
 हम लापरवाह हो गए हैं और इसी लापरवाही का परिणाम सामुदायिक संक्रमण फैलाव और लगातार इसका बढ़ता खतरा है ।
कई लोग इस बीमारी को मजाक में ले रहे हैं सावधानी व बचाव के उपायों को ताक में रखकर निश्चिंत होकर कोरोना को चुनौती दे रहे है ।
पर यह चुनौती शायद एक प्रकार का पागलपन है क्योंकि कोरोना जैसा शत्रु अदृश्य है और आप उसके लिए दृश्य ।
अदृश्य शत्रु को उसके सामने जा कर जीतना या जीतने की कामना करना पागलपन की पराकाष्ठा है।
आप एक बार उन लोगों से फोन पर बात अवश्य करें जो कोरोना महामारी से लड़ कर बाहर निकले है ।
बीमारी के बाद उनकी शारीरिक मानसिक और पारिवारिक स्थिति के बारे में पूछे ।
 आपको वास्तविकता का पता लगेगा।
एक व्यक्ति की लापरवाही के कारण कई पूरे के पूरे परिवार चपेट में आ गए और इसी लापरवाही के कारण कई परिवारों ने अपने प्रिय जनों को भी खोया है ।
हम वाकई बड़े विचित्र लोग हैं दूसरों को लगी ठोकर से शिक्षा ले कर ठोकर खाने से बचने की बजाए स्वयं ठोकर खाकर शिक्षा लेने में विश्वास करते हैं।
हम आवश्यक हो तो घर से बाहर निकले और बाहर निकलते समय पूरी सावधानी बरतें कोरोना जैसे अदृश्य अज्ञात शत्रु से निपटने के लिए अभी सावधानी ही हमारे पास एकमात्र शस्त्र है। 
जो लोग कोरोना से पीड़ित है वो शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आप को मजबूत रखें परिवार के अन्य सदस्यों का पूरा ख्याल रखें पूर्ण रूप से स्वस्थ होने तक सामाजिक दूरी बनाए रखें तो हम कोरोना पर निश्चित ही विजय पाएंगे।

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